5 Easy Facts About सोने से पहले यह जरुर सुने Described




हजरत पैगम्बर ने उस बीमार से काह, "तूने कोई अनुचित प्रार्थना की हैं। तूने भूल में विष खा लिया है। याद कर, तूने क्या हुआ की?"

या तो तू गुण्डा है या बिल्कुल मूर्ख है। हो सकता है कि चोर तू ही हो और यह सब हाल तुझे मालूम हो।"

एक तुर्क घोड़े पर सवार चला आ रहा था। उसने देखा कि एक सोते हुए मनुष्य के मुंह में एक सांप घुस गया। सांप को मुंह से निकालने की कोई युक्ति समझा में न आयी तो मुसाफिर सोनेवाले के मुंह घूंसे लगाने लगा। सोनेवाला गहरी नींद से एकदम उछल पड़ा। देखा, एक तुर्क तड़ातड़ घूंसे मारता जा रहा है। वह मार को सहन न कर सका और उठकर भाग खड़ा हुआ। आगे-आगे वह और पीछे-पीछे तुर्क। एक पेड़ के नीचे पहुंचे। वहां बहुत से सेव झड़े हुए पड़े थे। तुर्क कहा, "ऐ भाई!

[इसी तरह संसार के मनुष्यों को तृष्णा को रोग हो गया है कि वे दुनिया की प्रत्येक वस्तु को, भले ही वह कितनी ही गन्दी हो, पर प्रत्यक्ष रुप में सुन्दर हो, अपने पेट में उतारने की इच्छा रखते हैं। लेकिन दूसरी तरफ यह हाल है कि बिन मृत्यु के मार्ग पर चले इन्हें चारा नहीं और वह अजीब रास्ता है, जो इन्हें दिखाई नहीं देती। प्राणियों के दल-के-दल इसी सूराब से निकल जाते हैं और वह सूराख नजर नहीं आता। जीवों का यह समूह इसी द्वार के छिद्र में घुस जाता है और छिद्र तो क्या, दरवाजा तक भी दिखाई नहीं देता और इस कथा में बहरे का उदाहरण यह है कि अन्य प्राणियों की मृत्यु का समाचार तो वह सुनता है, परन्तु अपनी मौत से बेखबर है।

फिर उसने पूछा, "क्या आप वह नहीं कि मिट्टी को पक्षी बनाकर जरा मन्त्र पढ़े तो जान पड़ जाये और उसी वक्त हव में उड़ने लगे?"

इसलिए ए मनुष्य, तू अपने जीवन में इस बात को अच्छी तरह समझ जा कि परलोक में तेरा क्या परिणाम होगा और विद्याओं के जानने से अधिक तेरे लिए यह अच्छा है कि तू अपने स्वरुप को जाने]१

और सभी स्त्री और पुरूष अभिनेता मात्र हैं.

आन्तरिक भावों को देखते हैं। ऐ मूसा, बुद्धिमान मनुष्यों की प्रार्थनाएं और हैं और दिलजलों की इबादत दूसरी है। इनका ढंग ही निराला है।"

इन सेवों में से जितने खाये जायें, उतने तू खा। कमी मत करना।"

उस दुखियारे को पानी की ध्वनि में इतना आनन्द आया कि वह दीवार में से ईंटें उखाड़कर पानी में फेंकने लगा। पानी की यह दशा थी, मानो वह कह रहा था कि website ऐ भद्र परुष, भला मेरे ईंटें मारने से तुझे क्या लाभ? प्यासा भी मानो अपनी दशा से यह प्रकट कर रहा था कि मेरे इसमें दो लाभ हैं। इसलिए मैं इस काम से कभी हाथ नहीं रोकूंगा। पहला लाभ तो पानी की आवाज का सुनना है। यह प्यासों के लिए रबाब (एक प्रकार का बाजा) की आवाज से अधिक मधुर है। दूसरा लाभ यह है कि जितनी ईंटें मैं इस दीवार की उखाड़ता जाता हूं, उतना read more ही निर्मल जल के निकट होता जाता हूं, क्योंकि इस ऊंची दीवार से जितनी ईंटें उखड़ती जायेंगी, उतनी ही दीवार नीची होती चली जायेगी। दीवार का नीचा होना पानी के निकट होना है।"

बोला "महाराज! ईश्वर जानता है कि मुझे खबर नहीं थी। ऐ दयालु, मुझे

सुननेवाले खूब हंसे कि लो साहब, यह तोता साधु को भी अपने समान समझता है।

इस काफिर पहलवान ने जब यह उपदेश सुना तो उसे ज्ञान हो गया। कहा, "हाय! अफसोस, मैं अबतक जुल्म के बीज बो रहा था। मैं तो तुझे कुद और समझता था। लेकिन तू तो खुदा का अन्दाज लगाने की न सिर्फ तराजू है, बल्कि उस तराजू की डंडी है। मैं उस ईश्वरीय ज्योति का दास हूं, जिससे तेरा जीवन-दीप प्रकाशित हो रहा है। इसलिए मुझे अपने मजहब का कलमा सिखा, क्योंकि तेरा पद मुझसे बहुत ऊंचा है।"

वह बोला, "उस ईश्वर की सौगन्ध, जो सबके दिलों का भेद जानेवाले हैं, जिसने आदम के समान पवित्र नबी को पैदा किया। अगर मेरे ये शब्द केवल तेरा भेद लेने के लिए हैं तो तू इनकी भी एक बार परीक्षा करके देख ले।"

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